
Ulgulan karo aaj
उलगुलान करो आज आदिवासी चेतना, संघर्ष और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उद्घोष है। मनोहरण लाल मुंडा द्वारा लिखित यह पुस्तक झारखंड और आस-पास के आदिवासी समाज की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को उजागर करती है। यह बिरसा मुंडा के उलगुलान विद्रोह से प्रेरित वर्तमान युग में सामाजिक न्याय और स्वाभिमान की पुनः स्थापना का आह्वान करती है। पुस्तक पारंपरिक वेशभूषा, लोकनृत्य और ढोल-नगाड़ों के साथ जनसंघर्ष की जीवंत तस्वीर पेश करती है। यह केवल इतिहास नहीं, एक जमीनी पुकार है—अब भी उठो, संगठित हो, अधिकारों की लड़ाई लड़ो। यह युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:163 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364314350
- Paper Type:Perfect
- Publication Date:July 25 ,2025
Product Description
उलगुलान करो आज आदिवासी चेतना, संघर्ष और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का उद्घोष है। मनोहरण लाल मुंडा द्वारा लिखित यह पुस्तक झारखंड और आस-पास के आदिवासी समाज की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को उजागर करती है। यह बिरसा मुंडा के उलगुलान विद्रोह से प्रेरित वर्तमान युग में सामाजिक न्याय और स्वाभिमान की पुनः स्थापना का आह्वान करती है। पुस्तक पारंपरिक वेशभूषा, लोकनृत्य और ढोल-नगाड़ों के साथ जनसंघर्ष की जीवंत तस्वीर पेश करती है। यह केवल इतिहास नहीं, एक जमीनी पुकार है—अब भी उठो, संगठित हो, अधिकारों की लड़ाई लड़ो। यह युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।.