
Samma Sati
इस पुस्तक में मनुष्य के मन की विचलित और धुंधली अवस्था से बचाव के उपाय के साथ जागरूकता और आत्म-अवशोषित रहने के सिद्धांत बताये गए हैं। यह मात्र एक पुस्तक नहीं है, आप पाएंगे की यह पुस्तक एक दिग्दर्शिका है जो, जीवन में कभी भी भय, भ्रम अथवा किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में पथ प्रदर्शिका के रूप में काम आएगी। यह पुस्तक चीजों, घटनाओं एवं परिघटनाओं या असाधारण घटनाओं में अंतर्दृष्टि की सुगंध विकसित करने में सहयोगी होगी। इस पुस्तक में अनेक सिद्धांत एवं विश्लेषण गहरे चिंतन एवं परिप्रेक्ष्यता के सिद्धांत अथवा ज्ञानार्जन से दृष्टिकोण में बदलाव के फलस्वरूप उत्पन्न हुई अनुभूतियों का परिणाम है, जिन्हे शब्दों में अभिव्यक्त करने का भरसक प्रयास किया गया है । इन्ही पर आधारित छोटे छोटे अभ्यास बताये गए हैं जिन्हे करके प्रति पल आनंदित रहा जा सकता है। कुछ सिद्धांत परम सिद्ध गुरु जनों से प्रेरित हैं। मैं उन्हें कोटिकोटि नमन करता हूँ ।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:109 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364312790
- Paper Type:Perfect
- Publication Date:July 12 ,2025
Product Description
इस पुस्तक में मनुष्य के मन की विचलित और धुंधली अवस्था से बचाव के उपाय के साथ जागरूकता और आत्म-अवशोषित रहने के सिद्धांत बताये गए हैं। यह मात्र एक पुस्तक नहीं है, आप पाएंगे की यह पुस्तक एक दिग्दर्शिका है जो, जीवन में कभी भी भय, भ्रम अथवा किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में पथ प्रदर्शिका के रूप में काम आएगी। यह पुस्तक चीजों, घटनाओं एवं परिघटनाओं या असाधारण घटनाओं में अंतर्दृष्टि की सुगंध विकसित करने में सहयोगी होगी। इस पुस्तक में अनेक सिद्धांत एवं विश्लेषण गहरे चिंतन एवं परिप्रेक्ष्यता के सिद्धांत अथवा ज्ञानार्जन से दृष्टिकोण में बदलाव के फलस्वरूप उत्पन्न हुई अनुभूतियों का परिणाम है, जिन्हे शब्दों में अभिव्यक्त करने का भरसक प्रयास किया गया है । इन्ही पर आधारित छोटे छोटे अभ्यास बताये गए हैं जिन्हे करके प्रति पल आनंदित रहा जा सकता है। कुछ सिद्धांत परम सिद्ध गुरु जनों से प्रेरित हैं। मैं उन्हें कोटिकोटि नमन करता हूँ ।.