
Salha kuwar dhola
‘महाकाव्य साल्हे कुंवर–ढोला’ उत्तर भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोककथा पर आधारित एक अत्यंत हृदयस्पर्शी काव्य है। लेखक सुरेंद्र अंचल इस कृति में प्रेम, संघर्ष, साहस और विरह के अद्भुत रंग प्रस्तुत करते हैं। साल्हे कुंवर और ढोला की कथा में राजसी गरिमा, लोकपरंपराएँ और सामाजिक मूल्य गहराई से जुड़े हुए हैं। ऊँटों पर यात्रा, कठिन परिस्थितियों में अटूट प्रेम और पात्रों की भावनाएँ कथा को जीवंत बनाती हैं। यह काव्य न केवल लोककथा की महिमा को उजागर करता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत की आत्मा को भी सुंदर ढंग से संजोता है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:155 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364310291
- Paper Type:Perfect
- Publication Date:November 25 ,2025
Product Description
‘महाकाव्य साल्हे कुंवर–ढोला’ उत्तर भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोककथा पर आधारित एक अत्यंत हृदयस्पर्शी काव्य है। लेखक सुरेंद्र अंचल इस कृति में प्रेम, संघर्ष, साहस और विरह के अद्भुत रंग प्रस्तुत करते हैं। साल्हे कुंवर और ढोला की कथा में राजसी गरिमा, लोकपरंपराएँ और सामाजिक मूल्य गहराई से जुड़े हुए हैं। ऊँटों पर यात्रा, कठिन परिस्थितियों में अटूट प्रेम और पात्रों की भावनाएँ कथा को जीवंत बनाती हैं। यह काव्य न केवल लोककथा की महिमा को उजागर करता है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत की आत्मा को भी सुंदर ढंग से संजोता है।.






