
Meera Aur Gujrat
मीरा के अध्ययन पर मेरी विशेष रुचि के कारण ही पीएच.डी. मीरां के व्यक्तित्व-कृतित्व पर लिखी। तब मैंने पाया कि मीरां की भक्ति राजस्थान से बृज और बृज से गुजरात जाकर जो विशिष्ट रूप से विकसित हुई है उसी आधार पर मीरां के गुजराती पदों का अध्ययन और होना चाहिए। गुजराती पदों का विशेष संकलन करते हुए प्रस्तुत पुस्तक में मैंने नौं विषयों पर विशिष्ट अध्ययन किया है। विशिष्ट समीक्षाओं के द्वारा नये विषय भी सामने आये हैं। यह अध्ययन अभी तक विद्वानों से अछूता रहा है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:96 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-8119944521
- Paper Type:Creamy
- Publication Date:July 28 ,2025
Product Description
मीरा के अध्ययन पर मेरी विशेष रुचि के कारण ही पीएच.डी. मीरां के व्यक्तित्व-कृतित्व पर लिखी। तब मैंने पाया कि मीरां की भक्ति राजस्थान से बृज और बृज से गुजरात जाकर जो विशिष्ट रूप से विकसित हुई है उसी आधार पर मीरां के गुजराती पदों का अध्ययन और होना चाहिए। गुजराती पदों का विशेष संकलन करते हुए प्रस्तुत पुस्तक में मैंने नौं विषयों पर विशिष्ट अध्ययन किया है। विशिष्ट समीक्षाओं के द्वारा नये विषय भी सामने आये हैं। यह अध्ययन अभी तक विद्वानों से अछूता रहा है।.