
Manas ke ansuljhe sawal
मानस परंपरा के भीतर परस्पर विरोधी विचारों, धार्मिक मूल्यों और मानवीय दुविधाओं का विश्लेषण किया। पुस्तक राम की पहचान, अनुष्ठानों के प्रतीकवाद, सामाजिक भूमिकाओं और साहित्यिक विवादों जैसे विषयों की आधुनिक विद्वानों की दृष्टि से जांच करती है। हिंदी साहित्य, दर्शन और धर्मशास्त्र के पाठकों के लिए आदर्श, यह पुस्तक पारंपरिक भक्ति और आलोचनात्मक तर्क को जोड़ती है। यह आत्मनिरीक्षण को आमंत्रित करती है और पाठकों को महाकाव्य कथाओं में छिपे गहरे, अक्सर अनदेखे, अर्थों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करती है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5.5 x 8.5
- Total Pages:249 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364313520
- Paper Type:Perfect
- Publication Date:July 8 ,2025
Product Description
मानस परंपरा के भीतर परस्पर विरोधी विचारों, धार्मिक मूल्यों और मानवीय दुविधाओं का विश्लेषण किया। पुस्तक राम की पहचान, अनुष्ठानों के प्रतीकवाद, सामाजिक भूमिकाओं और साहित्यिक विवादों जैसे विषयों की आधुनिक विद्वानों की दृष्टि से जांच करती है। हिंदी साहित्य, दर्शन और धर्मशास्त्र के पाठकों के लिए आदर्श, यह पुस्तक पारंपरिक भक्ति और आलोचनात्मक तर्क को जोड़ती है। यह आत्मनिरीक्षण को आमंत्रित करती है और पाठकों को महाकाव्य कथाओं में छिपे गहरे, अक्सर अनदेखे, अर्थों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करती है।.