
Ishlam
कुरान की प्रमाणिकता तथा नैतिकता सदैव विवादित और असहमति का विषय है। इस्लाम मुख्यधारा समाज का अंश नहीं है। अधिकांश धर्म विकसित होते हैं और समय के अनुसार ढल जाते हैं लेकिन इस्लाम किसी परिवर्तन और सुधार को नहीं अपनाता । प्रारम्भिक चरण से ही इस्लाम की शुरुआती अभिव्यक्तियां आलोचना का विषय रही हैं। इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मुहम्मद के समय से ही इस्लाम विवादास्पद एवं संश्नीय रहा है। इस पुस्तक में लेखक ने इस्लाम पर कुछ प्रकाश डालने का प्रयास किया है। निसंदेह एक मानव हितैषी प्रयास है।.
Product Details
- Format: Paperback
- Book Size:5 x 8
- Total Pages:71 pages
- Language:HINDI
- ISBN:978-9364314367
- Paper Type:Perfect
- Publication Date:November 21 ,2025
Product Description
कुरान की प्रमाणिकता तथा नैतिकता सदैव विवादित और असहमति का विषय है। इस्लाम मुख्यधारा समाज का अंश नहीं है। अधिकांश धर्म विकसित होते हैं और समय के अनुसार ढल जाते हैं लेकिन इस्लाम किसी परिवर्तन और सुधार को नहीं अपनाता । प्रारम्भिक चरण से ही इस्लाम की शुरुआती अभिव्यक्तियां आलोचना का विषय रही हैं। इस्लाम के संस्थापक पैगम्बर मुहम्मद के समय से ही इस्लाम विवादास्पद एवं संश्नीय रहा है। इस पुस्तक में लेखक ने इस्लाम पर कुछ प्रकाश डालने का प्रयास किया है। निसंदेह एक मानव हितैषी प्रयास है।.






