Ek Gande Aadmi ki Kavita

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Ek Gande Aadmi ki Kavita
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Ek Gande Aadmi ki Kavita

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एक गन्दे आदमी की कविता गिरीधर कुमार द्वारा रचित एक अनोखी काव्य संग्रह है जो मानवीय संवेदनाओं के सबसे अछूते और कड़वे पहलुओं को उजागर करती है। यह पुस्तक उन पलों को शब्दों में ढालती है जब समाज एक व्यक्ति को गंदा कहकर उसकी आत्मा, उसकी भावनाओं को नजरअंदाज कर देता है। लेकिन इन कविताओं में वह गंदा आदमी मुस्कुराता है, रोता है, और जीवन की सच्चाइयों को बेझिझक उजागर करता है। पुस्तक पाठकों को आत्मविश्लेषण और सहानुभूति की ओर ले जाती है। यह संग्रह असुविधाजनक प्रश्नों को उठाता है और पाठकों को भीतर तक झकझोर देता है।.

Product Details

  • Format: Paperback
  • Book Size:5.5 x 8.5
  • Total Pages:162 pages
  • Language:HINDI
  • ISBN:978-9364315753
  • Paper Type:Perfect
  • Publication Date:August 28 ,2025

Product Description

एक गन्दे आदमी की कविता गिरीधर कुमार द्वारा रचित एक अनोखी काव्य संग्रह है जो मानवीय संवेदनाओं के सबसे अछूते और कड़वे पहलुओं को उजागर करती है। यह पुस्तक उन पलों को शब्दों में ढालती है जब समाज एक व्यक्ति को गंदा कहकर उसकी आत्मा, उसकी भावनाओं को नजरअंदाज कर देता है। लेकिन इन कविताओं में वह गंदा आदमी मुस्कुराता है, रोता है, और जीवन की सच्चाइयों को बेझिझक उजागर करता है। पुस्तक पाठकों को आत्मविश्लेषण और सहानुभूति की ओर ले जाती है। यह संग्रह असुविधाजनक प्रश्नों को उठाता है और पाठकों को भीतर तक झकझोर देता है।.

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